संस्था के भीतर चल रही सभी गतिविधियों, प्रकल्पों और योजनाओं के बारे में “रूपरेखा” नामक एक मासिक पत्रिका 1998 से प्रकाशित की जा रही है। इसे देश के भीतर और साथ ही देश के बाहर से जुड़े सदस्यों को विशेष रूप से निःशुल्क वितरित किया जाता है। वर्तमान में, 6,000 से अधिक सदस्य इसे हर महीने प्राप्त कर रहे हैं।
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मानव मंदिर मिशन में आपका स्वागत है
मानव मंदिर मिशन ट्रस्ट, एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक ट्रस्ट है जो भारतीय ट्रस्ट एक्ट, धारा (42) के तहत पंजीकृत है, इसे 3 नवंबर, 1989 को पूज्य आचार्यश्री रूपचंद्र जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था। मानव मंदिर मिशन ट्रस्ट के मौलिक सिद्धांत शिक्षा, महिला कल्याण, वैश्विक शांति, अहिंसा, स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता, योग-साधना, पर्यावरण संरक्षण, और अन्य सामाजिक क्रियाओं को बढ़ावा देना है।
पूज्य आचार्यश्री रूपचंद्र जी महाराज सहित सात ट्रस्टी इस श्रेष्ठ कार्य में लगे हुए हैं। सभी अन्य छह ट्रस्टी पूज्य गुरुदेवजी द्वारा निर्दिष्ट किए जाते हैं।
हमारा उद्देश्य
- अनाथ और गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करना और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, झुग्गी झोंपड़ी वाले क्षेत्रों में शिक्षा के बारे में जागरूकता बनाए रखना और उन्हें समर्थन प्रदान करना।
- बच्चों को प्रेम और देखभाल के साथ पोषित करना।
- किसी भी ज़रूरतमन्द बूढ़ी महिला को उनकी आवश्यकताओं से संबंधित वस्तुओं की पूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- हमारे बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही किसी भी ज़रूरतमन्द व्यक्ति के लिए बेहतर स्वास्थ्य और उपचार सुनिश्चित करना।
- सभी के बीच अहिंसा, आध्यात्मिकता, और वैश्विक शांति के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
संस्था के मौलिक सिद्धांत
शिक्षा का अधिकार: शिक्षा जीवन के लिए तैयारी नहीं बल्कि खुद जीवन है। शिक्षा हमें जीवन को सर्वोत्तम तरीके से जीने का एक रास्ता प्रदान करती है। हम अनाथ और वंचित/झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। हमारा लक्ष्य सिर्फ मस्तिष्क को शिक्षित करने का ही नहीं है, बल्कि हृदय को भी शिक्षित करने का है।
महिलाओं का उत्थान: महिलाएं समाज की वास्तविक निर्माता हैं। उन्हें समाज से उचित सम्मान पाने का हक है। हमने शपथ ली है कि हम बेसहारा महिलाओं को उनकी संबंधित आवश्यकताओं जैसे भोजन, कपड़े, और दवाइयों से प्रदान करेंगे।
सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण जीवन : सभी के लिए जीवन की गुणवत्ता उचित स्वास्थ्य, मस्तिष्क और आत्मा को ठीक से शिक्षित करने के साथ आती है। हम अपने बच्चों को सर्वोत्तम जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमारा मिशन
मानव मंदिर मिशन ट्रस्ट विभिन्न प्रकल्पों में विभाजित है, जो विभिन्न सेवा कार्यों को कर रहे हैं, जो कि निम्नलिखित है:
- मानव मंदिर गुरुकुल (ज़रूरतमन्द और बेसहारा बच्चों का घर)
- महासती मंजुलाश्री मातृ सेवा प्रकल्प (ज़रूरतमन्द, बेसहारा, बेहद बूढ़ी माताओं की सहायता)
- शरणार्थी सेवा प्रकल्प (पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों की सहायता)
- रूपांतरण योग (प्राचीन योग-ध्यान परंपराओं के अनुसंधान और न्यूनतम अवधि के योग अभ्यास का कुशल प्रयोग)।
- सेवा धाम प्लस (भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित चिकित्सा सेवाएं)
- आपदा प्रबंधन (आपदा पीड़ितों के लिए सहायता सेवाएं)
- पर्यावरण संरक्षण और जीव दया (वनों का विकास, नदी सफाई, और पशु कल्याण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण)
- मानव मंदिर पब्लिकेशन (पूज्य गुरुदेव जी के साहित्य और रूपरेखा पत्रिका का प्रकाशन)
- यात्रा और सर्व धर्म समभाव (अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक सम्मेलनों के माध्यम से विश्व में शांति का प्रचार)
- सनातन और श्रमण संस्कृतियों का प्रचार-प्रसार (व्याख्यान, भाषण, सम्मेलनों और योग-ध्यान के माध्यम से सनातन और श्रमण संस्कृतियों का प्रचार)
संस्थापक के बारे में
परम पूज्य आचार्यश्री रूपचन्द्र जी महाराज मानव मंदिर मिशन ट्रस्ट के संस्थापक हैं जो कि एक प्रसिद्ध शिक्षाविद्, दार्शनिक, लेखक और कवि हैं। परम पूज्य आचार्यश्री जैन अध्ययन के बहुत प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उन्होंने दूरदर्शी विचारों, उत्साह और पूर्ण प्रतिबद्धता से मानवता और मानव विकास के लिए असाधारण सेवा प्रदान की है। वह वैश्विक शांति, अहिंसा, सार्वभौमिक भाईचारे और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ और विभिन्न देशों की यात्रा करते रहे हैं। वह अपने मिशन में अग्रणी रहे हैं और इसलिए उन्हें अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट (यू.एस.ए) द्वारा “मैन ऑफ द ईयर” 2004 से सम्मानित किया गया है। बाद में, उन्हें एमिटी ह्यूमैनिटी फाउंडेशन (एएचएफ) और नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (एनएसीओ) द्वारा भी सम्मानित किया गया है।
1 दिसम्बर 2013, मानव मंदिर मिशन ट्रष्ट के 32वें वार्षिक अधिवेशन में पूज्य गुरुदेव आत्चार्यश्री रूपचन्द्रजी महाराज ने संस्था के भविष्य में संचालन-व्यवस्था की घोषणा करते हुए कहा कि अभी तक मानव मंदिर मिशन नई दिल्ली, हिसार (हरियाणा) एवं सुनाम (पंजाब) के सेंटर संतोष जनक कार्य कर रहे हैं, हमें इस बात की बहुत-खुशी है। हमारा साध्वी समुदारा, अरुण योगी, अन्य पदाधिकारी गण एवं कार्यकर्ताओं की अनमोल सेवाएँ लगातार मिल रही हैं।
आचार्य श्री ने आगे कहा- साध्वी कनक लता, साध्वी समताश्री एवं अरुण योगी ट्रष्ट के नए ट्रष्टी होंगे व पदेन संस्था के डाइरेक्टर भी होंगे। ये तीनों ही पूरे आपसी तालमेल के साथ मेरे और महासती गँजुलाश्री जी महाराज के मार्ग-दर्शन में मिशन के कार्यों को भविष्य में आगे बढ़ायेंगे। मुझे विश्वास है कि मिशन के ट्रष्टी जनों, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व जन मानस का पहले की ही तरह इनको और मिशन को निरंतर सहयोग मिलता रहेगा। पूज्य गुरुदेव की इस घोषणा से देश-विदेश से अधिवेशन में पधारे जन-समुदाय ने पूरे सम्मान व करतल ध्वनि से अपना पूर्ण समर्थन प्रदान किया। आपश्री ने कहा- संस्था शीघ्र ही अन्य नए ट्रष्टियों का भी मनोनयन कर के ट्रष्ट का विस्तार करेगी।
पूज्य गुरुदेव जी के इस निर्णय को संस्था द्वारा संचालित रूपरेखा नामक मासिक पत्रिका (जनवरी 2014 पृष्ठ-34) में भी प्रकाशित किया जा चुका है। इस निर्णय के पश्चात ट्रष्ट का नवीनीकरण दिनांक 14 मई 2018 को पूर्ण कर लिया गया और ट्रस्ट के पंजिकरण पते को लुधियाना से दिल्ली स्थान्तरण का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। जिसका विवरण उपरोक्त ट्रष्ट-तालिका के माध्यम से यहाँ प्रस्तुत है।