

मानव मंदिर मिशन के संस्थापक पूज्य आचार्यश्री रूपचन्द्रजी महाराज का नगर वासियों ने भव्य-स्वागत अभिनंदन किया, प्रेम नगर स्थित मानव मंदिर भवन के खचाखच भरे हॉल में कार्यक्रम की शुरुवात आचार्यश्री के मंगलमंत्रों से हुई, श्रीमती विभा, कुमारी रश्मिता एवं कुमारी हिना के स्वागत के पश्चात श्रीमती शकुंतला और श्रीमती सीमा राजलीवाल ने अपने भावपूर्ण गीत पूज्य गुरुदेव के चरणों में अर्पित किए। पूज्या साध्वी कनकलता जी महाराज ने पूज्य आचार्यश्री के प्रति और हिसार वासियों के प्रेम-समर्पण और श्रद्धा की खूब प्रशंसा की साध्वी जी ने कहा कि अस्वस्थ होने के बाद भी गुरुदेवजी का यहां आना हिसार वासियों के भाग्य की बात है।
पूज्य गुरुदेव के शिष्य अंतर्राष्ट्रीय योग-गुरु श्री अरुण योगीजी ने मानव मंदिर मिशन द्वारा संचालित सेवा, शिक्षा व योग-साधना के विभिन्न प्रकल्पों का परिचय दिया। श्रीयोगी जी के ध्यान और ब्रह्मक्रिया के सत्र प्रातः 6 बजे हिसार भवन प्रेम नगर में निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। लोग बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं।
गुरुदेव श्री जी की अनन्य भक्ता हिसार की पूर्व मेयर श्रीमती शकुंतला राजलीवाल ने अपने स्नेहपूर्ण विचार प्रकट किए और हिसार समाज की तरफ़ से श्री पतराम राजलीवाल ने पूज्य गुरुदेव को शाल अर्पित कर स्वागत किया। उसके बाद मानव मंदिर गुरुकुल की बालिका सुश्री दिव्या ने पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित भजन की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। दिल्ली से आए सरदार बलदेव सिंह ढिल्लों जी ने हिसार की माटी को नमन करते हुए कहा कि मैं इस माटी को प्रणाम करता हूँ जहाँ से मानव मंदिर मिशन का शुभारंभ हुआ और अब यह मिशन भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में अपने सेवा प्रकल्पों से एक स्थान बना रहा है। पूज्य गुरुदेव जी के सारगर्भित प्रवचन ने उपस्थित हिसार वासियों को दिशाबोध करवा दिया। पूज्य गुरुदेव और योगीजी के दो सालों के बाद हिसार आगमन पर सभी भक्तजन बहुत उत्साहित एवं प्रसन्न हैं। दिल्ली से गुरुदेव जी के साथ साध्वी वसुमती जी, कुमारी दिव्या, यश, आकाश और धीरज आदि की पूरी टीम गई हुई थी । सुबह 6 बजे योग-ध्यान-ब्रह्म क्रिया और रात्रि 7 बजे प्रवचन-भजन का कार्यक्रम तीन दिनों तक लगातार रहा।