इस भेंट-वार्ता में साध्वी कनकलता जी महाराज, श्री अरुण योगी जी, सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री नीरज जैन जी (सोनू), और श्री वेदांत द्विवेदी जी उपस्थित थे। मानव मंदिर मिशन पाकिस्तान से विस्थापित हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास और सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित है और अपने सेवा-शिक्षा प्रकल्पों द्वारा दो विस्थापित शिविरों—मजनूँ का टीला और सिग्नेचर ब्रिज—में संघ के साथ मिलकर अनवरत विशेष सेवाएँ दे रहा है। इससे पहले, संस्था ने 100 विस्थापित परिवारों को रोजगार प्रदान किया था। इसी क्रम में, रविवार को 70 और विस्थापित परिवारों को रोजगार वितरित किया जा रहा है।
श्री तिवारी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए गुरुदेव जी के शिष्य मंडल ने अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने कहा, “मानव मंदिर मिशन से मेरा गहरा रिश्ता है। मैं हर समय आने के लिए तैयार रहता हूँ और पूज्य गुरुदेव के प्रति मेरे मन में विशेष श्रद्धा है। ऐसे संत इस धरती पर बहुत कम होते हैं। मैं 27 अक्टूबर, रविवार को रोजगार वितरण कार्यक्रम में जरूर भाग लूँगा, और सिग्नेचर ब्रिज तो मेरे ही इलाके में आता है।”
जब उन्हें पता चला कि साध्वी कनकलता जी महाराज ने 17 वर्ष की आयु में ही जैन दीक्षा ले ली थी, तो उन्होंने श्रद्धा-पूर्वक वंदन करते हुए कहा, “आपने आने का कष्ट क्यों किया? मैं तो गुरुदेव, आप और अन्य साध्वीजनों के दर्शन वहीं आकर कर लेता।”
श्री तिवारी ने कहा, “मानव मंदिर मिशन अपने शिक्षा, सेवा, और योग-साधना के प्रकल्पों के माध्यम से समाज निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है।” उनकी नन्ही बेटी ने भी साध्वी कनकलता जी से विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया।