अपमानों से डरे आज तक सम्मानों से डरना होगा,
अभिशापों से डरे आज तक वरदानों से डरना होगा,
देख धर्म-गुरुओं के धंधे हमको तो ऐसा लगता है,
शैतानों से डरे आज तक भगवानों से डरना होगा।
अपमानों से डरे आज तक सम्मानों से डरना होगा,
अभिशापों से डरे आज तक वरदानों से डरना होगा,
देख धर्म-गुरुओं के धंधे हमको तो ऐसा लगता है,
शैतानों से डरे आज तक भगवानों से डरना होगा।