सेवा धाम प्लस ने बुधवार, 7 मई 2024 को नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के मुख्य कार्यालय में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। समग्र स्वास्थ को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम एनबीसीसी कर्मचारियों को सेवा धाम प्लस द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं से परिचित कराने के लिए किया गया था।
प्रतिष्ठित अतिथि, जिनमें एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री के.पी. महादेवस्वामी, एचएससीसी (इंडिया) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री नोमान अहमद, एनबीसीसी (इंडिया) के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (एचआरएम) श्री मानस कविराज, एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड की वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (इंजीनियरिंग) श्रीमती रेशमा दुदानी और कार्यकारी निदेशक (वित्त) श्री हृषिकेश कुमार ने अपनी सम्मानजनक उपस्थिति से इस कार्यकर्म की शोभा बढ़ाई। उनकी भागीदारी ने इस पहल के महत्व को रेखांकित किया और कार्यस्थल में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाया।
स्वास्थ्य शिविर में अपने-अपने क्षेत्रों के प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा आयोजित ज्ञानवर्धक सत्रों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की गई। अनुभवी आयुर्वेदाचार्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. एम.टी. आरिफ़ ने “आहार अवधारणाओं” पर अपनी प्रस्तुति के माध्यम से, पोषण, जीवनशैली और समग्र स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध समझाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सेवा धाम प्लस के ट्रस्टी श्री अरुण योगी जी के नेतृत्व का योग सत्र था। ब्रह्म क्रिया योग तकनीक में अपनी विशेषज्ञता के साथ, श्री अरुण योगी जी ने शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के उद्देश्य से साझा किया।
सेवा धाम प्लस की निदेशक साधवी समता श्री जी के ज्ञानवर्धक प्रवचन ने स्वास्थ्य शिविर को और समृद्ध बनाया। उनकी प्रस्तुति के माध्यम से, उपस्थित लोगों को सेवा धाम प्लस अस्पताल के दृष्टिकोण और मानव मंदिर गुरुकुल के उद्देश्यों की गहरी समझ प्राप्त हुई। साधवी समता श्री महाराज जी के शब्दों ने उपस्थित सहभागियों को कल्याण, करुणा और मानवता की सेवा पर आधारित जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस ज्ञानवर्धक सत्र में डॉ. गौरव और योग प्रशिक्षक, प्रदीप जैन के एक्यूप्रेशर, प्राकृतिक चिकित्सा और योगज्ञान का विशेष योगदान रहा।
सेवा धाम प्लस द्वारा आयोजित इस स्वास्थ्य शिविर ने सकारात्मक बदलाव हेतु एक प्रेरणा का काम किया, जिससे एनबीसीसी कर्मचारियों को उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए आवश्यक ज्ञान और कुशलता मिली। कार्यकर्म में उपस्थित सहभागी विदा होते हुए, अपने साथ उद्देश्य की एक नई भावना और स्वास्थ्य लाभ के लिए अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का पोषण करने की प्रतिबद्धता लेकर गए।