





गीता जयंती की पूर्व संध्या पर चिन्मय मिशन, लखनऊ के प्रमुख पूज्य ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी ने मानव मंदिर पधारकर पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री रूपचंद्र जी महराज का पावन सान्निध्य ग्रहण किया। इस दिव्य संगीति में आचार्यश्री ने डॉ. विनीता गुप्ता द्वारा लिखित अपनी जीवनी ‘हंस अकेला’ और डॉ. अरुण प्रकाश जी द्वारा संपादित दार्शनिक निबंध संकलन ‘सच्चं भयवं’ भेंट की। वहीं पूज्य कौशिक चैतन्य जी ने अपनी पुस्तक ‘क्षमा’ आचार्यश्री को भेंट की। इस अवसर पर पूज्य साध्वी कनकलता जी महराज और डॉ. अरुण प्रकाश भी उपस्थित रहे। इस संत मिलन का संयोजन वेदांत दुबे जी ने किया।